पत्रकारिता का दायित्व और अभिव्यक्ति की आज़ादी
राजेंद्र बोड़ा अभिव्यक्ति की आज़ादी भले ही हमें कानूनी रूप से अपने संविधान से मिली है मगर वास्तव में यह हमारा मानवीय अधिकार है। लोकतन्त्र में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। लोकतन्त्र की सफलता अहिंसक समाज में ही संभव हो सक ती है। ऐसे समाज में जहां फैसले शारीरिक या आयुध की ताकत से नहीं बल्कि तर्क से , बहस से और विमत के अधिकार की रक्षा करते हुए न्यायसंगत आम सहमति से होते हों। लोकतंत्र की मर्यादा तभी बनी रह सकती है जब पत्रकारिता स्वतंत्र हो और वह अपना दायित्व पूरी मर्यादा से निबाहे। इसीलिए लोकतान्त्रिक समाज पत्रका रों से अपेक्षा रखता है कि वे एक तर्कवान संवाद स्थापित करने के वाहक बनेंगे। पत्रकारिता का पहला दायित्व सच्ची सूचना देना होता है। सूचना किसी एक पक्ष की नहीं – सब की। यही उसकी मर्यादा है। वह सूचना खुद पैदा नहीं करता। सूचना उसे कहीं न कहीं से मिलती है। यह उसका दायित्व है कि वह उन स्रोतों की विश्वसनीयता की पड़ताल करे जहां से उसे...