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मन की बीन मतवारी बाजे: फिल्म संगीत में बसंत

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राजेंद्र बोड़ा भारतीय शास्त्रीय संगीत में हर एक राग का अपना स्वरूप और अपना अंदाज़ होता है। रागों में लगने वाले स्वर और लय मिल कर एक ऐसी जादूई सृष्टि का निर्माण करते हैं जिसमें श्रोता आनंद की लहरों में डूब जाते हैं। हिंदुस्तानी फिल्म संगीत की जड़ें भी भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक संगीत में गहरे से पैठी हुई है। मौसम के वातावरण को सजीव करता संगीत जब बड़े पर्दे पर उतरता है तो सिने संगीत रसिक धन्य हो उठाते हैं। हम यहां बसंत ऋतु के ऐसे गीतों की चर्चा करेंगे जो पर्दे पर पर ही नहीं सिनेमा घरों से बाहर भी कालजयी हो गए। बसंत को व्यक्त करते गानों का सिलसिला फिल्म संगीत में बहुत पुराना है। उतना ही जितना सवाक फिल्मों का इतिहास। ऐसे सैकड़ों गानों में से उन चुनींदा गानों पर ही यहां चर्चा होगी जो आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं। इनमें भी वे ही गीत हैं जिनमें बसंत या बहार शब्द बोलों में आए हैं और वो भी इस ऋतु के संदर्भ में। व्यक्तियों के संदर्भ में आए बसंत या बहार के बोलों वाले गीतों का ज़िक्र यहां नहीं करेंगे क्योंकि वे ऋतु से संबन्धित नहीं हैं। वैसे फिल्मी गानों के बोलों में बसंत से अधिक बहार शब्द