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Showing posts from July, 2016

फिर अशांत है कश्मीर

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राजेंद्र बोड़ा  कश्मीर एक बार फिर अशांत है। हिज़बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की अनंतनाग में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हुई मौत के बाद घाटी में जैसे हालात बने हैं वे अच्छे संकेत नहीं है। जो स्थितियां कश्मीर घाटी में बनी है वे लंबे समय तक उन ताकतों को दाना-पानी देती रहेगी जो भारत को छिन्न-भिन्न करने को उतारू रहती है।     जब भी कश्मीर में तनाव होता है हम उसे सेना के दम पर दबा ते हैं , वहाँ कर्फ़्यू लगाते हैं और जब माहौल थोड़ा बहुत शांत हो जाता है तो वहाँ की समस्या को भूल जाते हैं। इस प्रक्रिया में वहाँ की नई पीढ़ी को कट्टरपं थ की ओर धकेल देते हैं। हमें बाज़ार की मंदी , आर्थिक विकास की दर और विदेशी निवेश के झमेलों से ही इतनी फुर्सत नहीं मिलती कि देश के अंदरूनी मसलों पर गंभीरता से विचार कर सकें , सबके साथ बात कर सकें और कोई आम सहमति बना सकें उनके साथ भी जो हमारे मत से ना इत्तफ़ाक़ी रखते हों। शासन और आम नागरिक के बीच एक ऐसी खाई बनाने लगी है जिससे संवाद के सारे तार टूट रहे हैं। संवाद हीनता की स्थिति में शासन ज़मीनी हकीकत से नावाक़िफ़ रह जाता है और गणशत्रुओं के हाथों मे

मान न मान मैं तेरा महाराजा

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राजेंद्र बोड़ा   आज़ादी के वक़्त जब ब्रितानवी हकूमत ने भारतवासियों को सत्ता हस्तांतरित की तब अंग्रेजों की अधीनता में अपनी हुकूमतें चलाने वाले राजा महाराजाओं ने बड़ी कोशिशें की थी कि गोरे जब जाएं तब राज उनको ही सौप कर जायें क्योंकि संधियां करके उन्होंने अंग्रेजों की प्रभुता स्वीकार की थी तो अब वो जा  रहे हैं  तो सत्ता उन्हें वापस सौप कर जायें। मगर राजाशाही के एक न चली क्योंकि उनके पास सामान कुछ नहीं था – न नैतिक न भौतिक। पुरानी रियासतों के कुछ मुखियाओं ने भारतीय संघ में शामिल होने से ना नुकुर भी किया मगर लौह पुरुष के रूप प्रतिष्ठित लोकतान्त्रिक राजनेता तत्कालीन गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल जो राज्यों के विलीनीकरण का काम भी देख रहे थे के सामने किसी की न चली। अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों में “ सिंह वाहिनी दुर्गा ” के विशेषण से विभूषित तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने बाद में संविधान संशोधन के जरिये पूर्व रियासतों के मुखियाओं के राजा-महाराजा पदनामों के अलंकरण तथा सुविधाएं समाप्त कर दी और उन्हें भी आम नागरिकों की श्रेणी में डाल दिया। अपने लिए दुखदायी इस फैसले के खिलाफ वे कानू