सिने संगीत में रिमझिम के गीत

राजेंद्र बोड़ा हिन्दुस्तानी फिल्म संगीत में बरखा ऋतु , बादल , रिमझिम और बिजली की कडक के साथ तेज बरसात के प्रतीकों का खूब उपयोग हुआ है। सिनेकारों ने उल्ल्हास , प्रेम , इंतज़ार , मिलन और विछोह और जीवन के दूसरे दर्द की भावनाओं को पर्दे पर साकार करने के लिए तो इनका उपयोग किया ही साथ ही नायिका के मांसल सौंदर्य को उभारने का भी मौका नहीं छोड़ा। भारतीय सिनेमा में बरखा गीतों की परंपरा बहुत पुरानी है। सवाक फिल्मों की शुरुआत के साथ ही जब गीत-संगीत हिन्दुस्तानी सिनेमा की पहचान बनाने लगे तभी से बरसात के प्रतीकों का उपयोग फिल्मों में होना लगा। फिल्म की सिचुएशन , निर्देशक की कल्पना , गीत के बोल और उसका संगीत सभी मिल कर किसी बरखा-गीत की कैमरे से रचना करते हैं। ये गीत फिल्म की कथा को आगे बढ़ाते हैं तो कभी-कभी चल रहे गंभीर कथानाक में दर्शक को बीच में राहत भी देते हैं। सिने संगीत में बरखा गीतों के बोल में बरसात का ज़िक्र अमूमन होता है , लेकिन हिन्दुस्तानी सिनेमा में ऐसे कालजयी गीत भी हैं जिनके बोलों में बरसात नहीं है लेकिन पर्दे पर बरसात का दृश्य उन्हें बरखा गीत की श्रेणी में श...