सैलेश कुमार : अभिनेता जो फिल्मी दुनिया के लिए बेगाना ही रहा
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राजेंद्र बोड़ा मुंबई का सिने जगत हमेशा ही सपनों के नगर के रूप में विख्यात रहा है। रुपहले परदे का ग्लेमर और सितारा चमक युवक-युवतियों को लुभाती रही है। इसीलिए वे आंखों में बड़े सपने लिए इस मायानगरी में पहुंचते रहे हैं। उनमें से चंद ही परदे पर पहुंच पाते हैं। जो परदे पर पहुंचने में सफल हो ते हैं उनमें से भी थोड़े से लोग अपनी पहचान बना पाते हैं। और जो थोड़े से लोग अपनी पहचान बना पाते हैं उनमें से भी इक्का-दुक्का सितारा हैसियत बना पाते हैं। इस मायाजाल को सब जानते हैं। फिर भी अपने को साबित करने के लिए यहां पहुंचने वालों का रेला लगा रहता है। आंखों में ऐसा ही सपना लिए एक पढ़ा लिखा खूबसूरत बांका नौजवान शम्भूनाथ पुरोहित फिल्मी दुनिया में अपने पर फैला कर बहुत ऊंची उड़ान भरने की उमंग लिए पिछली सदी के पचास के दशक के उत्तरार्ध में राजस्थान के जोधपुर शहर से चल कर मुंबई पहुंचा था। ऊंचे , पूरे कद , गठीले ज़िस्म और घने बालों वाले इस नौजवान में वह सब कुछ था जो मुंबई की मुख्यधारा की फिल्मों में नायक की भूमिका पाने के लिए जरूरी होता है। फिल्मी दुनिया का हिस्सा बनने के लिए संघर्ष की भी उसकी तै...