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Showing posts from September, 2020

कांग्रेस में अंतर्विरोध और अंतर्कलह, मगर संभाले कौन!

  -           राजेंद्र बोड़ा डेढ़ सदी से अधिक पुरानी कांग्रेस पार्टी में इस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है । लगातार दो बार संसदीय चुनाव की हार और चंद राज्यों में उसकी सरकारों के सिमट जाने के बाद अब इस पार्टी में जो अंतर्कलह उभर कर सामने आ रही है वह लक्षण है उसमें आ रहे नेतृत्व के क्षरण का। बीते दो दशकों से अधिक समय से पार्टी की अध्यक्षता नेहरू-गांधी परिवार के ही पास रही है   जिसकी वजह से यह माना जाने लगा है कि अब पार्टी परिवार के ही इर्द-गिर्द घूमती है और परिवार के बिना शायद ही उसका कोई वजूद रहे । आज कांग्रेस अन्य राजनैतिक दलों से ऊंची पायदान पर नहीं है। वह भी अन्य राजनैतिक दलों की भांति एक सामान्य पार्टी हो कर रह गयी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अब उसमें नेहरू परिवार के नेतृत्व की पुरानी राजनीतिक समझ बदल गई है। नई पीढ़ी का नेतृत्व अपनी विरासत , अपनी परंपरा से कटा हुआ है। सोनिया गांधी , राहुल गांधी या प्रियंका वाड्रा के पास पुश्तैनी संबंधों की धरोहर तो है मगर हिंदुस्तान की राजनीति की समझ , लोकतान्त्रिक सोच तथा वैचारिक अनुभव की विरासत नहीं है। परिस्थितियों ने उन्हें राजनीति में वैसे ही ध

भारत के अमीर विश्व सूची में, मगर गरीबी नहीं मिट रही

राजेंद्र बोड़ा  सा रा मीडिया जगत इस बात के इंतजाम करता है कि हम उसकी इस सूचना से इतरा एं कि भारतीय व्यापार और उद्योग की हस्तियां विश्व के सबसे अधिक अमीरों की सूची में स्थान पा रहीं हैं। फॉरचून की अमीरों की नई सूची में 40 वर्ष से कम वय वाले तीन भारतीय युवाओं के नाम शामिल हैं। हालांकि उन्हें यह अमीरी पारिवारिक विरासत से मिली है। ऐसा माहौल बनाया जा ता रहा है कि नई अर्थ व्यवस्था के चलते देश की संपन्नता में इजाफा हो रहा है जिसके लिए सभी को उत्सव मनाना चाहिए। यह सच है कि दुनिया के अमीरों की सूची में शीर्ष स्थानों पर भारत के लोगों के नाम आने लगे हैं और सरकारी तंत्र से जुड़ा , खास कर शहरी इलाकों का , मध्यम वर्ग का सरकारी नौकरियां करता और अवकाशप्राप्त तबका और उनके साथ निजी सेवा क्षेत्र में लगे उत्साही युवा सुरक्षित वित्तीय संपन्नता की सीढ़ियां चढ़ र हे हैं और वह विलासिता की चीजों पर खर्च को बढ़ा कर बाज़ार की अपेक्षाओं को पूरा कर रहा है। गावों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का पैसा पहुंचाया जा रहा है जिससे बाज़ार को मदद मिलती रहे। मगर कोरोना महामारी तथा उससे निबटने के लिए हुए लॉक ड