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गांधी सबद निरंतर

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-राजेन्द्र बोड़ा  राजस्थान साहित्य अकादमी के इतिहास में पहली बार गांधी पर प्रामाणिक अकादमिक सामग्री का प्रकाशन हुआ है। आज जब सोशल और मुख्यधारा मीडिया में सत्य, अहिंसा और प्रेम की अलख जगाने वाले महात्मा गांधी के विरुद्ध एक व्यवस्थित और सोची समझी साजिश के तहत झूठे प्रचार का अभियान चल रहा हो तथा उस महान व्यक्ति की छाती में पिस्तौल से तीन गोलियां दाग कर हत्या कर देने वाले की महिमामंडन की कुत्सित चेष्टाएं हो रही हों तब अकादमी पुस्तकमाला श्रंखला में प्रकाशित ‘गांधी सबद निरंतर’ पुस्तक मौजूदा समय की एक जरूरी किताब बन जाती है। यह पुस्तक कुल 21 लेखों का संकलन है जिसमें गांधी दृष्टि की व्याख्याएं ही नहीं मिलती, बल्कि “उन पर उठ रहे प्रश्नों के द्वन्द्व रहित उत्तर भी … तार्किक, सुचिन्तित, और सुरुचिपूर्ण ढंग से” मिलते हैं।   पुस्तक की भूमिका में संकलन के सुधि संपादक ब्रजरतन जोशी उचित ही कहते हैं कि “गांधी आधुनिकता के पूर्वज और वर्तमान के अभिभावक है। वे निजी संरक्षकीय मुद्रा में नहीं हैं, वे प्रयोग पर अटल रहने वाले ऋषि हैं। आधुनिक सभ्यता के नाड़ी वैद्य हैं।” संकलन के लेखकों में कुछ प्रमुख नाम हैं र