Posts

Showing posts from April, 2017

पुस्तक समीक्षा : समाज का आज : किसका सच

Image
राजेंद्र बोड़ा  कोई मुझसे पूछे कि भाई तुम्हारे हाथ में यह किताब है – वह काहे की किताब है तो मुझे कोई जवाब नहीं सूझेगा । किस श्रेणी में इस किताब को रखा जा य ? यह आलोचना नहीं है। यह यात्रा वृतांत नहीं है। यह व्यंग्य भी नहीं है। उपन्यास या कहानी भी नहीं है। तो यह किताब क्या है ? लोग खांचों में समझने की अपे क्षा करते हैं। हम कह सकते हैं कि यह वृतांत है। लेकिन इसमें एक नहीं अनेकों वृतांत हैं। तो यूं समझ लें कि यह किताब वृतांतों का संकलन है।   पुस्तक के परिचय में पाठक से यह साझा नहीं किया गया है कि ये वृतांत किसी दैनिक अखबार में साप्ताहिक कॉलम के रूपमें छप चुके हैं। लेकिन इन आलेखों को देख कर समझा जा सकता है कि वे किसी पत्र के लिए नियमित रूप से लिखे गए होंगे क्योंकि वे एक बंधे हुए फॉर्मेट में हैं और उनका विस्तार सीमित है। सभी आलेख आम तौर पर हज़ार शब्दों के आस-पास है। इ स से हम समझ सकते हैं कि लेखक को शब्दों की एक सीमा में अपनी बात कहनी है और बात रंजक तरीके से भी कहनी है। प्रत्येक आलेख में लेखक अपनी टिप्पणी किसी प्रसंग से उठाता है। वह सामान्यतः सूचना माध्यमों में आई बातों के